यूँ ही नहीं होती हाथों में लकीरों के आगे उँगलियाँ, उपरवाले ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है।
“यूँ ही नहीं होती हाथों में लकीरों के आगे उँगलियाँ,
उपरवाले ने भी किस्मत से पहले मेहनत लिखी है।”
कई बार हम जीवन में निराश हो जाते हैं और सोचते हैं कि शायद हमारी किस्मत ही खराब है।
लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि हमारे हाथ में लकीरों से पहले उँगलियाँ दी गई हैं?
उँगलियाँ—जो काम करने के लिए हैं, मेहनत करने के लिए हैं। यही ईश्वर का संकेत है कि सफलता सिर्फ भाग्य से नहीं, मेहनत से मिलती है।
किस्मत पर नहीं, कर्म पर भरोसा कीजिए
किस्मत की लकीरें बदल सकती हैं,
लेकिन इसके लिए जरूरी है कि हम चलें, रुकें नहीं।
जो इंसान परिश्रम करता है, संघर्ष करता है, गिरकर भी फिर उठता है, वही आगे बढ़ता है।
भगवान भी उन्हीं की मदद करता है जो खुद की मदद करते हैं।
मेहनत ही असली भाग्य है
• महात्मा गांधी अगर किस्मत का इंतजार करते रहते, तो देश कभी आज़ाद न होता।
• धीरूभाई अंबानी पेट्रोल पंप पर काम करते थे, लेकिन मेहनत से उन्होंने उद्योग की दुनिया बदल दी।
• एम.एस. धोनी ने रेलवे में टिकट काटा, फिर कड़ी मेहनत से क्रिकेट की ऊँचाइयों को छुआ।
इन उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि किस्मत उन्हीं की चमकती है जो अपनी उँगलियों से कर्म करते हैं।
ईश्वर ने रास्ता दिया है, अब चलना तुम्हारा काम है
हाथों की लकीरें भविष्य का संकेत हो सकती हैं,
पर उँगलियाँ भविष्य को बदलने की ताकत रखती हैं।
जब तक हम प्रयास करते हैं, तब तक हमें कोई नहीं रोक सकता।
संघर्ष भरा रास्ता ही अंत में सफलता की ओर ले जाता है।
निष्कर्ष: मेहनत से बड़ा कोई भाग्य नहीं
अगर आप मेहनत कर रहे हैं,
तो यकीन रखिए—किस्मत को झुकना ही पड़ेगा।
उपरवाला भी पहले मेहनत देखता है, फिर देता है सफलता।
याद रखिए —
लकीरों से आगे जो लिखा है,
वो सिर्फ आपकी मेहनत से लिखा जा सकता है।
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क्या आपने भी अपनी मेहनत से किस्मत बदली है? नीचे कमेंट में जरूर शेयर करें—शायद आपकी कहानी किसी और को रास्ता दिखा दे।
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